फ़िक़्ह व फ़त्वा विभाग

यह विभाग दारुल उ़लूम की स्थापना के समय से स्थापित है, जहां से देश और विदेश से फ़त्वे मांगे जाते हैं और उनके जवाब यहाँ से दिये जाते हैं। आम मुसलमानों की धार्मिक रहनुमाई के लिये इस विभाग ने बड़ी सेवाएं की हैं और यह सिलसिला अलह़म्दुल्लिाह आज भी जारी है। दारुल उलूम के हदीस व फ़िक़्ह के वरिष्ठ शिक्षकों की देखरेख और निर्देशन में किताबों से संदर्भों को खोजा और शोध किया जाता है, फिर उत्तर लिखा जाता है, स्थानीय समस्याओं और विवादों में ज़रूरतमंद लोगों का मार्गदर्शन किया जाता है, ‘‘उल्या शरीअह’’ की कक्षाओं के छात्रों को फ़त्वा देने के कामों का प्रशिक्षण भी इस विभाग के अंतर्गत दिया जाता है, जिसका अभ्यास उनके पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है, और इसी विभाग के तहत एक साल का इफ़्ता (फ़त्वा देने) का कोर्स भी है जिसमें ‘‘उ़ल्या शरीअह’’ कक्षाओं से उत्तीर्ण छात्रों में से दस छात्रों का चयन होता है।

जो फ़िक़्ह व फ़तावा के माहिर शिक्षकों की देखरेख में निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ते हैं और उन्हें छात्रवृत्ति भी दी जाती है, इसी विभाग के अन्तर्गत ‘‘फ़तावा नदवियह’’ (नदवा के फ़त्वे) के संकलन एवं शोध का कार्य भी हो रहा है, जिसकी चार जिल्दें प्रकाशित हो चुकी हैं।

Email : darulifta@nadwa.in
Fatawa nadwatul ulama