छात्र शैक्षणिक संघ

अन्-नादी-अल-अरबी (अ़रब क्लब)
अरबी भाषा और साहित्य में व्यावहारिक अभ्यास और दक्षता पैदा करने के लिए छात्रों का एक संघ ‘‘अन्-नादी-अल-अ़रबी’’ है, जिसमें भाषण और लेखन के साथ-साथ अध्ययन और शोध के अभ्यास के लिये कई विभाग हैं, इन विभागों के जल्से साप्ताहिक और अर्द्धमासिक अंतराल से अरबी साहित्य के शिक्षकों के मार्गदर्शन में होते हैं और विभिन्न विभागों के लिहाज़ से वार्षिक पुरस्कार प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।

अरबी भाषा के अध्ययन के लिए, ‘‘अन्-नादी-अल-अरबी’’ के मकतबा ‘‘अल-रायद’’ नाम से एक पुस्तकालय है, इस मकतबा के कामों के करने की ज़िम्मेदारी छात्रों के हाथों में होती है और शिक्षक निगरानी करते हैं।
जम्अ़ीयतुल-इस्लाह (छात्र संघ)
यह दारुल उलूम नदवतुल उ़लमा के छात्रों का वह केंद्रीय संघ है, जिसके साथ अधिकांश मशहूर नदवी उलमा न केवल अपनी पढ़ाई के दौरान जुड़े रहे, बल्कि उन्होंने आम साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को इसी की मदद से उजागर किया, इस संघ के अध्यक्ष दारुल उलूम के प्रधानाचार्य होते हैं, इस संघ के लिए छात्रों में से एक उपाध्यक्ष, एक सचिव और निर्धारित संख्या में सदस्यों का संघ के अध्यक्ष चयन या मनोनीत करते हैं। वही चयनित छात्र संघ के विभिन्न विभागों की ज़िम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं, संघ के अंतर्गत छोटे-बड़े विद्यार्थियों की दो लाइबे्ररियाँ हैं, जिनमें विभिन्न विषयों पर चयनित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है साथ ही देश की प्रमुख धार्मिक एवं साहित्यिक पत्रिकाएँ एवं समाचार-पत्र भी आते हैं। छात्र इनसे लाभ उठाया करते हैं, गुरुवार को छात्रों के जल्से होते हैं, जिसमें भाषण होते हैं, वाद-विवाद होते हैं, लेख पढ़े जाते हैं, वर्ष के अंत में पत्रकारिता और भाषण पुरस्कार प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, यह संघ दारुल उ़लूम के प्रधानाचार्य की आज्ञा से किसी शिक्षक की देख-रेख और प्रशिक्षण में सारे कार्य अंजाम देता है। सुलैमानिया, मौलाना अबुल हसन अली हसनी नदवी और मअ़हदुलर्कुआन छात्रावासों में भी इस प्रकार की अलग संघ स्थापित हैं, जिनके सभी कार्यक्रम छात्रावास के छात्र संचालित करते हैं।